लोकसभा और राज्यसभा में बजट सत्र जारी है। राज्यसभा की कार्ययवाही सुबह नौ बजे शुरू हुई। विपक्ष के किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए अड़े रहने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार को तीन बार स्थगित की गई। हालांकि, हंगामें की वजह से आखिरकार कल तक के लिए स्थगित करना पड़ा। आपको बता दें कि कई सांसदों ने विभिन्न मामलों में जीरो ऑवर नोटिस भी दिए हैं। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन में कहा कि किसानों के विरोध पर चर्चा आज नहीं कल होगी।
हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित हुई।
किसानों के आंदोलन को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक मंगलवार को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12:30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी है।
विपक्ष के सांसद सदन से बाहर चले गए। इसके बाद कार्यवाही को 10:30 बजे तक के लिए टाल दिया गया।
मैंने दोहराया है कि कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा होनी थी। यह गलत धारणा बन रही है कि कोई चर्चा नहीं हुई। मतदान के संबंध में, लोगों के अपने तर्क हो सकते हैं लेकिन हर पार्टी ने अपने हिस्से को पूरा किया और सुझाव दिए: वैंकेया
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किसानों के आंदोलन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ''मैं आज से चर्चा शुरू करना चाहता था लेकिन मुझे बताया गया कि चर्चा सबसे पहले लोकसभा में शुरू होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हम कल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।''
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने आंध्र प्रदेश में हिंदू मंदिर पर हमलों के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।इससे इतर ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर राज्यसभा में कई सांसदों ने कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। उनमें राजद सांसद मनोज झा, टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा और बसपा सांसद अशोक सिद्धार्थ शामिल हैं।